Jan 3, 2009

पुनर्जन्म की वैज्ञानिक पुष्टि करती एक पुस्तक


कृति- बोर्न अगेन
विधा- शोध
लेखक- डॉ वाल्टर सेमकिव
अनुवादक- राजेन्द्र अग्रवाल एवं डॉ संध्या गर्ग
प्रकाशक- रिटाना बुक्स
मूल्य- 195/-


मृत्यु मनुष्य के लिये हमेशा ही एक अनबूझ पहेली रही है। मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, क्या मरने के बाद आत्मा दोबारा जन्म लेती है, क्या मनुष्य अपने कर्मों का फल भोगने के लिये बार-बार जन्म लेता है और क्या किसी मनुष्य को अपना पिछला जन्म याद रह सकता है- ऐसे ही न जाने कितने प्रश्न हमारे मानस् में कुलबुलाते रहते हैं।
ऐसे ही तमाम प्रश्नों का हल खोजती एक पुस्तक है बोर्न अगेन। अमरीकी चिकित्सक डॉ वॉल्टर सेमकिव ने विश्व के तमाम देशों के ऐसे मामलों पर शोध किया है, जिनमें किसी को उसके पिछले जन्म की स्मृतियाँ याद हों। भारत की प्रसिद्ध राजनैतिक, सिने और अन्य हस्तियों के पूर्वजन्मों की भी लेखक ने खोज की है। मूलतः अंग्रेज़ी भाषा में लिखी गयी इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद राजेन्द्र अग्रवाल और डॉ संध्या गर्ग ने किया है।
इस पुस्तक में हिंदी पाठकों को पुनर्जन्म के सिद्धांत और उसके प्रमाणों की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही साथ भारत और पाकिस्तान में जन्मीं जानी-मानी हस्तियों के पूर्वजन्मों के विषय में भी रोचक और अश्चर्यजनक तथ्य जानने को मिलेंगे।
एपीजे अबुल कलाम, अमिताभ बच्चन, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, शाहरुख़ ख़ान और बेनज़ीर भुट्टो समेत कई हस्तियों के पूर्व जीवन की प्रामाणिक कहानी इस पुस्तक में आप पढ़ सकेंगे। जिन लोगों पर लेखक ने शोध किया है उनके चित्रों, आदतों, सोच और जीवनशैली में समानता के प्रमाण भी पुस्तक में समाविष्ट किये गये हैं।
लेखक ने सिद्ध किया है कि आत्माएँ एक जन्म से दूसरे जन्म तक लिंग, राष्ट्रीयता और धर्म परिवर्तन भी करती हैं। लेखक का मानना है कि यदि इस तथ्य को सभी जान और मान लें तो शायद इस धरती पर भौगोलिक विविधता, धर्म, भाषा और अन्य भेद-भाव को समाप्त करने में सहायता मिल सके।
पुस्तक पठनीय होने के साथ-साथ संग्रहणीय भी है।

6 comments:

Publisher said...

लग रहा है इस पुस्तक को पढऩा चाहिए।

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

प्रिय चिराग जैन,
जयजिनेद्र,

लेखक डॉ वाल्टर सेमकिव कि बोर्न अगेन (पुनर्जन्म)का हिन्दि अनुवादक- राजेन्द्र अग्रवाल एवं डॉ संध्या गर्ग ने किया जैसा कि आपने बताया.
पुनर्जन्म को लेकर प्रदेशियो मे अलग अलग राय है. किन्तु भारतिय धर्मगुरुओ ने सैकडो साल पहल ही अपनी बात स्पष्ट तय कर दी थी कि पुनर्जन्म होता है. तथ्य को साबित कर चुके तेरापन्थ के आचार्य्र् श्री महाप्रज्ञजी कि पुस्तक "पुनर्जन्म के बाद" मे ऐसे कई पेक्ट्रिकल उदारहण है. प्रयोग से एक जपानी को प्रेक्षा ध्यान द्भारा पहले जन्म कि दुनियॉ मे ले गये थे. जानकारी देने का आपका प्रयास अच्छा लगा. समय निकाल कर मेरे ब्लोग कि समिक्षा करे . हार्दिक कामनाओ सहित.

Prakash Badal said...

भाई मुझे तो लगता नहीं कि पुनर्जन्म होता है।

Anonymous said...

Chirag Ji,
Nav varsh ki aapko dher sari badhai.... kabhi yaha bhi aaye...
http://jabhi.blogspot.com

प्रदीप मानोरिया said...

आपका स्वागत है .... मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।