Apr 10, 2009

कामयाबी की दास्तान : नल्लि








"कामयाबी की दास्तान" पद्मश्री डॉ नल्लि कुप्पुस्वामी चेट्टियार की जीवनी है, जिसे प्रसिद्ध अनुवादक, लेखक एवं बहुभाषाविद् डॉ॰ एच॰ बालसुब्रह्मण्यम ने लिखा नाम है।
"नल्ली" एक ऐसा नाम है, जो भारतीय परिधानों में, विशेषकर सिल्क की गुणवत्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। यहाँ इसी नाम के पीछे की शक्ति को उजागर करने की कोशिश की गई है। वह शक्ति के पात्र एक व्यक्ति कुप्पुस्वामी चेट्टियार नहीं हैं बल्कि एक परम्परा है, एक पूरी की पूरी दक्षिण भारतीय संस्कृति है। शुद्धता की संस्कृति। सच्चाई, कर्मठता और सरलता के संस्कारों को साथ लेकर सतत आगे बढ़ने वाली संस्कृति।
इस पुस्तक में संस्था, व्यक्ति एवं परम्परा के बीच एक ऐसा ताना- बाना डॉ॰ एच॰ बालसुब्रह्मण्यम ने बुना है, जो नल्लि जी के जीवन के बारे में तो बताता ही है, साथ ही साथ हमें दक्षिण भारतीय जीवन के दर्शन, रहन-सहन एवं गुणवत्ता के सिद्धान्तों के पीछे छुपी कठोर परिश्रमी एवं सत्यनिष्ठा पर खड़ी दक्षिण भारतीय जीवन शैली की झाँकी दिखाती चलती है।
इस में नल्लिजी के व्यक्तित्व एवं जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला गया है, जिससे पता चलता है कि कोई भी संस्था के नल्लि बनने के पीछे, कितना ज्ञान, अनुभव और समर्पण होता है, जो सहज ही लोगों का भरोसा जीत लेता है और कई पीढ़ियों तक यह भरोसा क़ायम रहता है।
"ब्रेन बैंक पब्लिकेशन" द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक एक व्यापारी की जीवनी ही नहीं एक ऐसे भारतीय की कहानी है जिसने अपनी विरासत को बचाया ही नहीं है बल्कि उसे, उस गौरवशाली भविष्य के पथ पर बढ़ाया है, जहाँ से सारी दुनिया इस नाम का वैभव देख सके ।

- विवेक मिश्र

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