हिन्दी साहित्य के शीर्ष पुरूष श्रद्धेय विष्णु प्रभाकर जी के निधन पर हम सभी की ओर से श्रद्धांजलि।
हिन्दी साहित्य की विधियों में विचरते आज भी ‘आवारा मसीहा’ एक मील के पत्थर सा खड़ा मिलता है।
उनके रचनाकर्म को, उनके व्यक्तिव को, उनके आदर्श जीवन को एवं उनके हिन्दी साहित्य में अमर योगदान को ‘विवेचना’ की ओर से नमन।
- विवेक मिश्र
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